इस लेख में फ़ॉरेक्स मार्किट के बारे में अहम जानकारी दी गई है। आप उन सभी ज़रूरी मूल बातों के बारे में जानेंगे, जिससे आपको ट्रेडर बनने में मदद मिलेगी।

मुझे उम्मीद है कि इस लेख से आपको न सिर्फ़ तेजी से पैसा कमाने बल्कि प्रोफेशनल ट्रेडर बनने में मदद मिलेगी। हालांकि, पहले के बिना दूसरा संभव नहीं होगा।

क्या फ़ॉरेक्स में पैसे कमाना संभव है? करेंसी मार्केट में आने वाला हर नया व्यक्ति यह सवाल पूछता है। अगर यह संभव नहीं होता, तो ऐसी स्थिति नहीं होती, जहां एक्सचेंज रेट में बदलाव से पैसा कमाया जा सके।  

इस आर्टिकल में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:


फ़ॉरेक्स (विदेशी मुद्रा) क्या है?

फ़ॉरेक्स (विदेशी मुद्रा एक्सचेंज) वैश्विक मुद्रा बाजार है। यह राष्ट्रीय और वाणिज्यिक बैंकों, ब्रोकरेज कंपनियों और करेंसी खरीदने और बिक्री में लगे अन्य आर्थिक एजेंट का एक नेटवर्क है। 

LiteFinance: फ़ॉरेक्स (विदेशी मुद्रा) क्या है?

फॉरेन एक्सचेंज मार्केट दुनिया में सबसे बड़ा लिक्विड मार्केट है। इसका ट्रेडिंग वॉल्यूम 7 ट्रिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच जाता है। बाजार की वैश्विक प्रकृति और ऑनलाइन लेनदेन की वजह से इस तरह की ट्रेडिंग संभव हो पाई है।

स्टॉक मार्केट के अलावा, फ़ॉरेक्स मार्केट में ऐसा कोई सेंटर नहीं है, जहां करेंसी ट्रेडिंग होती है। इसकी एक वजह यह है कि यह चौबीसों घंटे (सप्ताहांत को छोड़कर) संचालित होता है और इसमें कोई क्लियरिंग ब्रेक नहीं होता। यह एक्सचेंजों के लिए सामान्य बात है।

विदेशी मुद्रा लेनदेन को निम्न में विभाजित किया गया है::

  • हेजिंग;
  • ट्रेडिंग;
  • सट्टेबाजी;
  • विनियमन (एक्सचेंज रेट को विनियमित करने के लिए केंद्रीय बैंकों की ओर से लागू किया जाता है)।

विदेशी मुद्रा का इतिहास जानें!

LiteFinance: विदेशी मुद्रा का इतिहास जानें!

16 वीं शताब्दी के अंत में जब अंतर्राष्ट्रीय ट्रेडिंग फलने-फूलने लगा, तो लोगों को इस तथ्य से निपटना पड़ा कि विभिन्न देशों के सिक्कों का वजन और मूल्य अलग-अलग था। यह फैसला लिया गया कि "समान" पेपर मनी को अपनाया जाए, जिसे बैंक में गोल्ड के बदले एक्सचेंज किया जा सके। 19 वीं शताब्दी के मध्य में, "गोल्ड के संबंध में एक्सचेंज रेट" की अवधारणा दिखाई दी। इस प्रकार गोल्ड मानक अस्तित्व में आया।

1944 में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना के लिए प्रसिद्ध ब्रेटन वुड्स समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। परिणामस्वरूप, अमेरिकी डॉलर और ब्रिटिश पाउंड अंतर्राष्ट्रीय करेंसी बन गई।

1976 में, सोने के मानक को समाप्त कर दिया गया था और एक्सचेंज रेट बाजार में आपूर्ति और मांग के नियमों के अनुसार तय होने लगीं।

1990 के बाद से, फ़ॉरेक्स मार्किट न सिर्फ़ बड़े वित्तीय संस्थानों बल्कि निजी निवेशकों और ट्रेडर के लिए भी उपलब्ध हो गया है। पांच वर्षों के बाद, इंटरनेट के माध्यम से फ़ॉरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग करना संभव हो गया। इस प्रकार, 1995 में आधुनिक विदेशी मुद्रा युग की शुरुआत हुई।

फ़ॉरेक्स मार्केट की संरचना

मुख्य फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग की जानकारी केंद्रीय बैंकों और प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों की ओर से दी जाती है।

LiteFinance: फ़ॉरेक्स मार्केट की संरचना

FX मार्केट की मुख्य विकेंद्रीकृत संरचनाऔर चौबीसों घंटे ट्रेडिंग इसकी मुख्य विशेषताएं हैं। फ़ॉरेक्स एक ओवर-द-काउंटर मार्केट है , जिसमें ट्रेडिंग के लिए कोई एकल केंद्र नहीं है। चौबीसों घंटे साप्ताहिक करेंसी ट्रेडिंग चार ट्रेडिंग सत्रों की बदौलत संभव हुआ, जिनमें से हरेक सत्र 24-घंटे के दिन के भीतर अगले सत्र में चला जाता है।

मार्केट साइज और लिक्विडिटी

बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट विश्व मुद्रा बाजार की मात्रा का अध्ययन कर रहा है। बैंक अधिकारी हर तीन साल में फ़ॉरेक्स लिक्विडिटीऔर ट्रेडिंग वॉल्यूम की रिपोर्ट जारी करते हैं।

1989 के बाद से, लगभग हर रिपोर्टिंग अवधि में दैनिक कारोबार में औसतन 25-30% की बढ़ोतरी हुई है। गतिशीलता पिछले दस वर्षों से बनी हुई है।

  • 2010 - एक दिन में 4 ट्रिलियन डॉलर;
  • 2013 - एक दिन में 5.3 ट्रिलियन डॉलर;
  • 2016 - एक दिन में 5.1 ट्रिलियन डॉलर;
  • 2019 - एक दिन में 6.6 ट्रिलियन डॉलर;
  • 2022 - एक दिन में 7.5 ट्रिलियन डॉलर।

LiteFinance: मार्केट साइज और लिक्विडिटी

स्रोत: BIS त्रिवार्षिक केंद्रीय बैंक सर्वेक्षणI.

फ़ॉरेक्स मार्केट किस तरह का है

तीन प्रमुख तरह के फॉरेन एक्सचेंज मार्केट स्पॉट, फॉरवर्ड और फ्यूचर्स हैं। बाजारों के बीच का अंतर डिलीवरी के समय में निहित है। इसे तुरंत या किसी विशिष्ट तिथि पर पूरा किया जा सकता है।

स्पॉट फॉरेन एक्सचेंज

स्पॉट मार्केट में, ट्रेड का सेटलमेंट उसके समापन के समय किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने आज 15:00 बजे यूरो खरीदा है, तो यह करेंसी तुरंत आपके खाते में दिखेगी। कभी-कभी, इस प्रक्रिया में एक या दो दिन तक की देरी हो सकती है।

फ़ॉरेक्स स्पॉट मार्केट में तीन तरह के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं:

  • TOD. (आज)। सबसे सस्ता। भुगतान दिन के दौरान किया जाता है।
  • TOM. (कल)। भुगतान लेनदेन के अगले दिन किया जाता है।
  • SPT. (स्पॉटr Т+2)। ट्रेडिंग के समापन के दो कार्य दिवस बाद भुगतान किया जाता है।

आस्थगित निपटान में, प्रमुख दर को ट्रेडिंग की मात्रा में जोड़ दिया जाता है। TOM और SPT की स्थिति में, क्रमशः एक और दो दिनों के लिए।

फॉरवर्ड फॉरेन एक्सचेंज

फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट में आप किसी करेंसी पेयर को खरीद या बेचकर निश्चित मूल्य पर उसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपने आज 15:00 बजे EUR फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट खरीदा। इसका मतलब यह है कि भविष्य में किसी समय आपको करेंसी खरीदनी होगी और उसे निश्चित दर पर विक्रेता को बेचना होगा। परिणामस्वरूप, अगर भविष्य में दरें बढ़ती हैं, तो आपको लाभ होगा, क्योंकि आपको यूरो की सहमत मात्रा "सस्ती" मिलेगी।

फ़ॉरेक्स फॉरवर्ड मार्किट में, वैश्विक मुद्राओं की कोटेशन की अवधि एक वर्ष तक बढ़ सकती है। कॉन्ट्रैक्ट की अवधि जितनी लंबी होगी, लिक्विडिटी उतनी ही कम होगी।

फ्यूचर फ़ॉरेक्स मार्किट

फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट की तरह, फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का सेटलमेंट भविष्य में किया जाता है। मुख्य अंतर यह है कि फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट के लिए निष्पादन तिथि निश्चित होती है। साथ ही, फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट के अलावा फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट को किसी थर्ड पार्टी को फिर से बेचा जा सकता है।

अगर क्रेता किसी परिसंपत्ति के मूल्य में कमी तथा विक्रेता उसके मूल्य में बढ़ोतरी के लिए बीमा कराना चाहता है, तो दोनों पक्ष फ्यूचर्स मार्केट का चयन करते हैं।

करेंसी फ्यूचर्स दो तरह के होते हैं:

  • अमेरिकी डॉलर में कॉन्ट्रेक्ट और सेटलमेंट करेंसी (उदाहरण के लिए, GBP/USD);
  • अन्य करेंसी की क्रॉस रेट पर आधारित लेनदेन  (उदाहरण के लिए, USD/TRY).

फ़ॉरेक्स मार्केट में कैसे तेजी आती है

विदेशी मुद्रा में अलग-अलग उछाल संभव है। इसे पहली बार में समझाया नहीं जा सकता। वे अक्सर उन वैश्विक घटनाओं से जुड़े होते हैं, जिनका विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है।

.मुद्रा मूल्य निर्धारण कई कारकों से प्रभावित हो सकता है, जिसमें केंद्रीय बैंकों की गतिविधियां, दुनिया के सबसे विकसित देशों से व्यापक आर्थिक समाचार, प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी और अन्य शामिल हैं।

LiteFinance: फ़ॉरेक्स मार्केट में कैसे तेजी आती है

सेंट्रल बैंक

केंद्रीय बैंकों का मुख्य कार्य नेशनल करेंसी की स्थिरता सुनिश्चित करना है।

ब्याज दरों और विदेशी मुद्रा हस्तक्षेपों में बदलाव का विदेशी मुद्रा की कीमतों पर सबसे अहम प्रभाव पड़ता है।

सेंट्रल बैंक मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरें बढ़ाती हैं। साथ ही, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरें कम की जाती हैं।

सेंट्रल बैंक फ़ॉरेक्स पर करेंसी की खरीद और बिक्री करके, राष्ट्रीय मुद्रा की विनिमय दर को सीधे प्रभावित करता है, ताकि एक्सचेंज रेट को लक्षित मूल्यों तक बढ़ाया या घटाया जा सके।

कभी-कभी केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की अफवाहें भी एक्सचेंज रेट को प्रभावित कर सकती हैं।

समाचार रिपोर्ट

हम ट्रेडर के तौर पर उन घटनाओं पर केंद्रित करते हैं, जिनका कम समय में वायदा कीमतों पर सार्थक प्रभाव पड़ता है।

जब समाचार को उच्च प्राथमिकता वाला समझा जाता है, तो कीमतों में सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव होता है। य़े निम्नलिखित हैं:

  • रोजगार/बेरोजगारी का स्तर;
  • विकसित देशों की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद);
  • बैंक ब्याज दर संबंधी फैसले;
  • मौद्रिक नीति समिति की बैठक।

आप LiteFinance इकोनोमिक कैलेंडर में, में समाचार रिपोर्टों की सूची, दिनांक और समय का विश्लेषण कर सकते हैं। आमतौर पर, अन्य समाचारों के प्रकाशन का बाज़ार में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

क्या विदेशी मुद्रा वैध है??

क्या फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग वैध है? बहुत से लोग इस सवाल का जवाब पाना चाहते हैं। याद रखें, फॉरेन एक्सचेंज मार्केट के साथ-साथ फ़ॉरेक्स ब्रोकर की गतिविधियों, कानून के अनुसार विनियमित होते हैं। 

इंटरबैंक मार्केट में प्रवेश करने के लिए, ब्रोकर के पास लाइसेंस होना ज़रूरी नहीं है। हालांकि, लाइसेंस प्राप्त ब्रोकर अधिक विश्वसनीय होते हैं, क्योंकि उनका नियमित रूप से ऑडिट किया जाता है, पारदर्शी लेखांकन रखते हैं। साथ ही, उनके पास काम्पन्सेशन फंड भी होता है।

तीन मुख्य निकाय फ़ॉरेक्स ब्रोकर की विश्वसनीयता की पुष्टि करने वाले लाइसेंस जारी करते हैं:

  1. US कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (CFTC) और US नेशनल फ्यूचर्स एसोसिएशन (NFA)।
  2. UK वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FSA) और ऑस्ट्रेलियाई प्रतिभूति और निवेश आयोग (ASIC)।
  3. साइप्रस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (CySEC) और माल्टा फाइनेंशियल सर्विसेज अथॉरिटी (MFSA)।

फॉरेक्स में क्या ट्रेड किया जाता है?

फ़ॉरेक्स एक करेंसी को दूसरे में एक्सचेंज करने के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। विनिमय संचालन की लोकप्रियता के आधार पर (उदाहरण के लिए, USD से EUR में एक्सचेंज करना), करेंसी पेयर बनाए गए हैं। यह मुख्य फॉरेन एक्सचेंज मार्केट इंस्ट्रूमेंट है।

LiteFinance: फॉरेक्स में क्या ट्रेड किया जाता है?

करेंसी पेयर खरीदना और बेचना

fx मार्केट का मुख्य इंस्ट्रूमेंट करेंसी पेयर है। tयह करेंसी की कीमत को दूसरी करेंसी की तुलना में दिखाता है। उदाहरण के लिए, EUR/USD में, 1 यूरो की कीमत अमेरिकी डॉलर में दिखाई जाएगी।

LiteFinance: करेंसी पेयर खरीदना और बेचना

ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले लोकप्रिय करेंसी पेयर को प्रमुख करेंसी पेयर या मेजर कहा जाता है। बाकी को क्रॉस-रेट कहा जाता है।

फ़ॉरेक्स मार्केट पर सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाले करेंसी पेयर

प्रमुख करेंसी पेयर में EUR/USD, USD/JPY, GBP/USD, USD/CAD, NZD/USD, USD/CHF और AUD/USD शामिल है। करेंसी सबसे अधिक तरल होता है, इसलिए उनकी कीमतों में नियमित उतार-चढाव होता है।

क्रॉस रेट अधिक अस्थिर करेंसी पेयर है। औसतन प्रतिदिन पिप मूल्य में अधिक उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन कम तरलता की वजह से उनके लाभ की संभावना बहुत कम हो जाती है। USD/PLN, USD/SGD, USD/CZK, USD/NOK और अन्य पेयर क्रॉस रेट हैं

LiteFinance: फ़ॉरेक्स मार्केट पर सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाले करेंसी पेयर

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कौन करता है?

केंद्रीय और वाणिज्यिक बैंक, निवेश और पेंशन फंड, और विदेशी आर्थिक गतिविधि से जुड़ी बड़ी कंपनियां विदेशी मुद्रा बाजार प्रतिभागी हैं। ये ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ये वित्तीय संस्थान मुख्य रूप से करेंसी एक्सचेंज से जुड़े लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा का उपयोग करते हैं और सट्टेबाजी के लिए कम करते हैं।

फ़ॉरेक्स में कौन ट्रेडिंग करता है:

  • बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान;
  • बड़ी वाणिज्यिक कंपनियां;
  • सरकार और सेंट्रल बैंक;
  • सट्टेबाज और निजी ट्रेडर।

निजी ट्रेडर के लिए प्रतिभागियों की श्रृंखला उनके फ़ॉरेक्स ब्रोकर और लिक्विडिटी प्रोवाइडर तक सीमित है।

फ़ॉरेक्स ब्रोकर या फ़ॉरेक्स डीलर एक वित्तीय संस्थान है। यह ट्रेडर को फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में ट्रेडिंग करने का एक्सेस प्रदान करता है। ब्रोकर ट्रेडर को ज़रूरत टूल्स भी मुहैया कराते हैं, जिसमें ऑनलाइन कोटेशन वाला ट्रेडिंग टर्मिनल, ट्रेडिंग खाता, एनालिटिक्स का एक्सेस और लीवरेज का इस्तेमाल करने की सुविधा शामिल है

ऐसे अंतर्राष्ट्रीय बैंक, जो फॉरेन एक्सचेंज मार्केट के प्रतिनिधि हैं, आमतौर पर लिक्विडिटी प्रोवाइदर होते हैं। वे फ़ॉरेक्स ब्रोकर को करेंसी पेयर की कीमत की जानकारी मुहैया कराते हैं।     

नए लोग फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करें?

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको एक ब्रोकर के साथ पंजीकरण करना होगा, क्लाइंट टर्मिनल डाउनलोड करना होगा। साथ ही, डेमो या वास्तविक ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलना होगा।

ट्रेडर के संभावित लाभ और संभावित जोखिम लेनदेन की मात्रा पर निर्भर करती है, इसे लॉट में दिखाया जाता है।

फ़ॉरेक्स में ट्रेडिंग कैसे करें? Tकीमतों में बढ़ोतरी और गिरावट दोनों ही ट्रेडर के लिए लाभदायक अवसर हैं। तदनुसार, दो तरह के लेनदेन होते हैं:    

  • लॉन्ग ट्रेड खरीदना या खोलना;
  • शॉर्ट ट्रेड बेचना या खोलना।

अगर ट्रेडर किसी परिसंपत्ति के भविष्य में बढ़ने की भविष्यवाणी करते हैं, तो लाभ कमाने के लिए लॉन्ग ट्रेड खोलना ज़रूरी होता है। अगर गिरावट की उम्मीद है, तो शॉर्ट ट्रेड खोलें।

LiteFinance: नए लोग फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करें?

LiteFinance: नए लोग फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करें?

हर बार ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें। अगर कीमत ट्रेडर के पूर्वानुमान के विपरीत चली जाती है, तो सुरक्षात्मक ऑर्डर के अनुसार ट्रेडिंग बंद कर दी जाएगी।

मूल अवधारणाएं

फ़ॉरेक्स एक्सचेंज ट्रेडिंग में सफल होने के लिए, आपको धीरे-धीरे अपने ट्रेडिंग स्कील में सुधार करने की ज़रूरत होती है। पहला कदम पाइप, लॉट, स्प्रेड, लीवरेज और मार्जिन जैसे मौलिक शब्दों से परिचित होना है।

फॉरेक्स में पिप क्या है??

नए ट्रेडर अक्सर यह पूछते हैं कि फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में पिप क्या है और इसकी साइज़ कैसे निर्धारित की जाए। फ़ॉरेक्स में किसी स्टॉक के मूल्य में होने वाले न्यूनतम उतार-चढ़ाव को पिप कहा जाता है। उदाहरण के लिए, पांच अंकों वाले कोटेशन के साथ GBP/USD पेयर के लिए, एक पिप = 0.00001 डॉलर

LiteFinance: फॉरेक्स में पिप क्या है??

LiteFinance: फॉरेक्स में पिप क्या है??

फ़ॉरेक्स में लॉट क्या है?

फॉरेक्स में किसी ट्रेडर की खुली मुद्रा स्थिति की मात्रा को मापने के लिए प्रयुक्त मानक इकाई को लॉट कहा जाता है।

अगर कोई ट्रेडर 1 ही लॉट में EUR/USD खरीदता है, तो वह 100,000 यूरो खरीदता/खरीदती है। ज़्यादातर फ़ॉरेक्स ट्रेडर लीवरेज का इस्तेमाल करते हैं और ब्रोकर के माध्यम से ट्रेड करते हैं, इसलिए उन्हें कम पैसे की ज़रूरत होती है।

फॉरेक्स में स्प्रेड क्या है?

न्यूनतम विक्रय मूल्य ("कीमत") और उच्चतम खरीद मूल्य ("बोली") के बीच के अंतर को फ़ॉरेक्स स्प्रेड कहा जाता है।

अगर बोली = 0.91437 और कीमत = 0.91440, तो स्प्रेड तीन पिप्स होता है।

LiteFinance: फॉरेक्स में स्प्रेड क्या है?

हम हमेशा प्रस्तावित मूल्य (उच्चतर) पर खरीदते हैं और बोली मूल्य (कम) पर बेचते हैं, इसलिए स्प्रेड को उस मूल्य परिवर्तन में जोड़ा जाना चाहिए, जिसकी हम अपेक्षा करते हैं।

LiteFinance: फॉरेक्स में स्प्रेड क्या है?

फॉरेक्स में लीवरेज क्या है?

फ़ॉरेक्स में ट्रेडर के फंड और उसकी ओर से खोले जा रहे पोजीशन वॉल्यूम के अनुपात को लीवरेज कहा जाता है। लीवरेज निवेश को 10, 100 और यहां तक कि 1000 गुना बढ़ा सकता है। इस विकल्प का इस्तेमाल करके ट्रेडर फ़ॉरेक्स मार्केट में लेनदेन कर सकते हैं, जिसमें मानक लॉट, यानी 100,000 करेंसी यूनिट को खरीदने के लिए आवश्यक छोटी सी राशि जमा करनी होती है।

LiteFinance: फॉरेक्स में लीवरेज क्या है?

फॉरेक्स में मार्जिन क्या है?

ट्रेडर को ओपन पोजीशन को बनाए रखने के लिए आवश्यक राशि को मार्जिन कहा जाता है। इन फंड को ट्रेडर के खाते में तब तक लॉक लॉक किया जाता , जब तक कि पोजीशन बंद नहीं हो जाता। लीवरेज जितना अधिक होगा, ट्रेड शुरू के लिए आपको उतने ही कम पैसे की ज़रूरत होगी। इसलिए, मार्जिन भी कम होगा।

LiteFinance: फॉरेक्स में मार्जिन क्या है?

विश्लेषण तीन तरह के होते हैं

फ़ॉरेक्स में, ट्रेडर आमतौर पर तीन प्रकार के विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं:

  • तकनीकी। विश्लेषण का उद्देश्य मूल्य चार्ट है।
  • मौलिक विश्लेषण में व्यापक आर्थिक संकेतकों और समाचारों का अध्ययन किया जाता है।
  • खरीद और बिक्री ट्रेड खोलने के बारे में मार्केट सेंटिमेंट का अध्ययन। । 

तकनीकी विश्लेषण

तकनीकी विश्लेषण में, मूल्य में उतार-चढ़ाव का अध्ययन उनके कारणों पर विचार किए बिना किया जाता है।

तकनीकी विश्लेषण टूल्स की जानकारी नीचे दी गई है:

  • कीमत में उतार-चढ़ाव के चार्ट पैटर्न (हेड एंड शोल्डर, ट्रायंगल, फ्लैग और अन्य)
  • मूल्य मानों के आधार पर गणना करने वाले इंस्ट्रूमेंट को इंडीकेटर कहा जाता है। इससे विश्लेषक को गलत संकेतों को फ़िल्टर और अधिक सटीक भविष्यवाणी करने में मदद मिलती है। मूविंग एवरेज और स्टोकेस्टिक ऑसिलेटर्स सबसे लोकप्रिय इंडीकेटर में से हैं।
  • कैंडलस्टिक पैटर्न को चार्ट में प्राइस कैडल के रूप में दिखाया जाता है। पूर्वानुमान इस तरह के कैंडल और उनके संयोजनों पर आधारित है, जैसे, पिन बार या अब्ज़ॉर्प्शन।

मौलिक विश्लेषण

मूल फ़ॉरेक्स विश्लेषण के अनुसार, मुद्राओं की आपूर्ति और मांग व्यापक आर्थिक समाचारों से प्रभावित हो सकती है, जिसका अध्ययन मौलिक विदेशी मुद्रा विश्लेषण में किया जाता है। आमतौर पर, ऐसे पूर्वानुमान मध्यम और दीर्घकालिक होते हैं।

मूलभूत कारकों में नीचे दी गई चीज़ें शामिल हैं:

  • बेरोजगारी और खुदरा बिक्री, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों सहित देश में आर्थिक स्थिति से संबंधित समाचार और डेटा। आर्थिक कैलेंडर का उपयोग करके ऐसी जानकारी को ट्रैक करना सबसे उपयोगी विकल्प है।
  • भू-राजनीतिक घटनाएं जैसे चुनाव, देशों के बीच व्यापार सहयोग और संयुक्त राष्ट्रीय परियोजनाओं में भागीदारी।
  • वैश्विक अप्रत्याशित घटना में प्राकृति आपदा, सैन्य कार्रवाइयां और हमले शामिल हैं।

भावना विश्लेषण

किसी विशिष्ट स्टॉक के लिए खरीद और बिक्री ट्रेड ओपन करने के अनुपात को मार्केट सेंटिमेंट कहा जाता है।

  • अगर खुली खरीद की मात्रा > खुली बिक्री की मात्रा  है, तो ज्यादातर बाजार सहभागी मूल्य में बढ़ोतरी की भविष्यवाणी करते हैं।
  • अगर खुली बिक्री की मात्रा > खुली खरीद की मात्रा है, तो ज़्यादातर बाजार सहभागियों को कीमत में कमी की उम्मीद है।

पहले से खोले गए पोजीशन से वर्तमान और भविष्य में कीमतों में होने वाले उतार-चढाव पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसके अलावा, बैंक फ़ॉरेक्स मार्केट में मुख्य प्रतिभावी हैं। ये सट्टेबाजी के आधार पर नहीं बल्कि किसी विशेष करेंसी की ज़रूरत की वजह से ट्रेड शुरू करते हैं।

चार्ट किस तरह का है

फ़ॉरेक्स इंस्ट्रूमेंट की मूल्य जानकारी आमतौर पर चार्ट में कैंडलस्टिक्स, बार या लाइनों के रूप में प्रदर्शित की जाती है।

कैंडलस्टिक्स चार्ट में स्थिति को सबसे अच्छे तरीके से दिखाता है। ये चार मुख्य बिंदुओं पर आधारित होते हैं:

  • इस अवधि की शुरुआत में कीमत;
  • इस अवधि में न्यूनतम कीमत;
  • इस अवधि में अधिकतम कीमत;
  • इस अवधि के अंत में कीमत;

उन्हीं चार बिंदुओं का इस्तेमाल करके बार चार्ट बनाए जाते हैं। इस तरह के चार्ट का इस्तेमाल उन ट्रेडर की ओर से किया जाता है, जिन्हें सिर्फ़ इस अवधि में अधिकतम और न्यूनतम मूल्य जानने की ज़रूरत होती है।

लाइन चार्ट हर अवधि की अंतिम कीमत या समापन मूल्य पर आधारित होता है। यह पूरी स्थिति का विश्लेषण करने के लिए सही है, लेकिन विवरण के मामले में प्रभावी नहीं है।

अनुभवी फ़ॉरेक्स ट्रेडर चार्ट पैटर्न का सावधानीपूर्वक अध्ययन करते हैं। अलग-अलग मॉडलों का इस्तेमाल करके कीमत में उतार-चढाव और बाजार में प्रवेश के सर्वोत्तम समय का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

LiteFinance: चार्ट किस तरह का है

कैंडलस्टिक चार्ट

कैंडलस्टिक चार्ट कैंडलस्टिक चार्ट पर जापानी कैंडल मूल्य गतिशीलता को दिखाती है। निश्चित अवधि में उच्चतम और निम्नतम कीमतों में उतर-चढाव कैंडल के प्रकार पर निर्भर करता है:

  • अगर समापन मूल्य, शुरुआती मूल्य से कम है, तो मोमबत्ती अवरोही क्रम में हो जाती है (आमतौर पर काला या लाल);
  • अगर समापन मूल्य, शुरुआती मूल्य से अधिक है, तो मोमबत्ती आरोही क्रम में (सफेद या हरा) हो जाती है।

कैंडलस्टिक पैटर्न का विश्लेषण करते समय, मजबूत संकेतों (उदाहरण के लिए, बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न) की पहचान करने के लिए कैंडलस्टिक पैटर्न पर ध्यान दें, ताकि ट्रेड शुरू कर सकें।

LiteFinance: कैंडलस्टिक चार्ट

बार चार्ट

चयनित अवधि में बार चार्ट में उच्चतम और निम्नतम कीमतों को दिखाते हैं। बार के बाईं और दाईं ओर क्रमशः छोटी क्षैतिज रेखाएं होती हैं। यह इस अवधि में आरंभिक और समापन मूल्यों को दिखाती है।    

चार्ट आंकड़ों और मूल्य स्तरों के लिए बार चार्ट उपयुक्त है।

LiteFinance: बार चार्ट

लाइन चार्ट

चयनित समय अवधि के लिए, लाइन चार्ट अंतिम लेनदेन की कीमतों पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए, H1 टाइमफ्रेम वाले लाइन चार्ट पर, इसका हर बिंदु पिछले घंटे के लिए अंतिम बाजार मूल्य को दिखाता है। इस तरह के चार्ट से इस बात की जानकारी नहीं मिलती है कि हर घंटे कीमत कैसे बदल गई।

LiteFinance: लाइन चार्ट

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करके पैसे कैसे कमाएं

जब नए ट्रेडर फ़ॉरेक्स पर पैसा कमाने की रणनीतियों की तलाश करते हैं, तो उन्हें गलत जानकारी मिलती है। यह आमतौर पर सबसे सटीक अनुमानों के आधारित होती है। नतीजतन, व्यापारी किसी भी व्यवसाय में सफलता के लिए आवश्यक अनुभव प्राप्त नहीं करते हैं, लेकिन केवल कीमतों की भविष्यवाणी करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं।

हेज फंड ट्रेडर्स लगातार ट्रेडिंग से पैसा कमाते हैं। उनकी लाभप्रदता के बारे में जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। उनके संस्थापकों के अनुसार, उनकी सफलता इस पर आधारित है:

  • लाभदायक मुद्रा व्यापार रणनीति;
  • इस रणनीति के नियमों का पालन करने की क्षमता;
  • पूंजी की मात्रा के आधार पर जोखिम प्रबंधन।

फ़ॉरेक्स ऑर्डर किस तरह का है

फ़ॉरेक्स में दो तरह के ऑर्डर दो तरह के आर्डर होते हैं

  • मार्केट ऑर्डर;
  • पेंडिंग ऑर्डर।

बाजार खरीद और बिक्री के आदेश क्रमशः वर्तमान प्रस्तावित कीमतों और बोली की कीमतों पर समाप्त होते हैं। इनमें बाजार में खरीद और बिक्री शामिल है।    

पेंडिंग ऑर्डर एक निश्चित मूल्य बिंदु पर रखे जाते हैं। उन्हें सिर्फ़ तभी निष्पादित किया जाएगा, जब कीमत इन मूल्यों तक पहुंच जाएगी। पेंडिंग ऑर्डर को भी दो भागों में विभाजित किया जाता है:

  • लिमिट आर्डर कीमत में उतार-चढाव पर लक्षित होते हैं (खरीद सीमा, बिक्री सीमा, टेक प्रॉफिट)।.
  • स्टॉप ऑर्डर मूल्य में उतार-चढाव का पालन करते हैं (बाय स्टॉप, सेल स्टॉप, स्टॉप-लॉस)।

करेंसी पेयर कब खरीदें या बेचें?

पहले कुछ वर्षों में, फ़ॉरेक्स ट्रेडर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कब खरीदना या बेचना है।

यह झूठी धारणा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी की जा सकती है। समय के साथ, वे समझ जाते हैं कि भविष्य की मुद्रा की कीमतों की दिशा को पहले से तय करना संभव नहीं है। कुछ लेनदेन करने के बाद, वे उन तरीकों की तलाश करना शुरू करते हैं, जिससे लाभ कमा सकते हैं।   

इसलिए, अपनी ट्रेडिंग से जुडी रणनीति के नियमों का पालन करें खरीद या बिक्री करें।

डेमो ट्रेड से सफलता की ओर बढ़ें

डेमो अकाउंट पर ट्रेड करते समय, ट्रेडर को वास्तविक पैसे को जोखिम में डाले बिना बाजार के भावों तक पहुंच मिलती है।

FX ट्रेडिंग के लिए डेमो अकाउंट के अहमियत को बेहद कम करके आंका गया है। डेमो खाते की सहायता से, यूज़र न सिर्फ़ ट्रेडिंग से जुडी रणनीति का मूल्यांकन कर सकते हैं, बल्कि यथासंभव वास्तविक परिस्थितियों में उसका पालन करने की अपनी क्षमता का भी मूल्यांकन कर सकते हैं।

डेमो अकाउंट से वास्तविक अकाउंट पर स्विच करें, यदि:

  • 100 ट्रेडों की एक श्रृंखला का समग्र परिणाम लगभग 0 या सकारात्मक है;
  • आपने ट्रेड को खोलने और बंद करने के लिए स्पष्ट नियमों के अनुसार ट्रेडिंग से जुडी रणनीति तैयार की है।

ट्रेडिंग मनोविज्ञान

नए लोगों यह नहीं जानते हैं कि अलग-अलग भावनाएं उनके निर्णयों को किस तरह प्रभावित करती है। यह फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग मनोविज्ञान से संबंधित मुख्य समस्या है।

ट्रेडर की मानसिकता को "मैं सबसे चतुर नहीं हूं" वाक्यांश से चिह्नित किया जाना चाहिए। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि भविष्यवाणी करने की क्षमता बहुत सीमित है। लाभदायक ट्रेडों के प्रतिशत और प्रतिफल दर से संबंधित अपनी आवश्यकताओं को ज्यादा महत्त्व नहीं देना चाहिए।

ट्रेडिंग के प्रति यह मानसिकता कई वर्षों की सफलताओं और असफलताओं का परिणाम है।

क्या आप फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करके अमीर बन सकते हैं?

अमीर बनने का मतलब है, ढेर सारा पैसा कमाना। इसलिए, ध्यान तुरंत ही एक अच्छा तरदार बनने की इच्छा से हटकर भौतिक संपत्ति प्राप्त करने की ओर चला जाता है।

किसी भी अन्य इंडस्ट्री की तरह, फ़ॉरेक्स में अमीर बनने का एकमात्र तरीका पेशेवर बनना है।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से ट्रेडर को ज्यादा लीवरेज का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलती है। इसलिए, सैद्धांतिक रूप से, आप अपनी पूरी जमा राशि को जोखिम में डालकर एक दिन बहुत पैसे कमा सकते हैं। हालांकि, याद रखें कि इस तरह की फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग सिर्फ़ तभी लाभदायक होता है, जब आप इसका इस्तेमाल लगातार नहीं करते हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग से जुडी बेसिक रणनीतियां

सामान्यतः, विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीति में निर्णय लेना शामिल होता है। यह किसी एसेट की कीमत में उतार-चढाव के विश्लेषण पर आधारित होता है।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से जुडी सबसे अच्छी रणनीतियां एक विशिष्ट मूल्य पैटर्न की पहचान करने पर आधारित होती हैं, जिसे नियमित रूप से दोहराया गया है। ऐसी रणनीतियां इस मूल्य पैटर्न के भीतर फ़ॉरेक्स ट्रेड (लाभ या हानि के साथ) में प्रवेश करने और इससे बाहर निकलने की शर्तों का वर्णन करती हैं। 

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग दृष्टिकोण को चार्ट विश्लेषण की विधि और लेनदेन की अवधि के अनुसार विभाजित किया जा सकता है।

विश्लेषण विधि के अनुसार:

  • प्राइस एक्शन से जुडी रणनीतियां;
  • चैनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां;
  • ट्रेंड ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां।

लेन-देन की अवधि के अनुसार:

  • position;
  • इंट्राडे;
  • स्कैलपिंग;
  • स्विंग ट्रेडिंग.

इसके अलावा, कैरी ट्रेड, मार्जिन और ऑटोमैटिक जैसी ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां भी हैं, जो किसी भी श्रेणी में नहीं आती है।

1. प्राइस एक्शन से जुडी रणनीति

क्लासिक प्राइस एक्शन से जुड़ी रणनीति एक निश्चित आकार की एक या ज्यादा प्राइस कैडल पर आधारित होती है। प्राइस एक्शन से जुड़ा पैटर्न यह दर्शाता है कि हर पैटर्न प्राइस एक्शन से जुड़ा पैटर्न चयनित समय सीमा के भीतर निश्चित मूल्यों पर क्रेताओं और विक्रेताओं के व्यवहार को दर्शाता है।

लोकप्रिय प्राइस एक्शन पिन बार और एनगल्फिंग पैटर्न से पता चलता है कि वर्तमान ट्रेंड के दिशा के विपरीत ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी की वजह से कीमत में संभावित उतार-चढ़ाव हो सकता है।

2. चैनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां

चैनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां वेव जैसी प्राइस मूवमेंट (कीमत में उतार-चढ़ाव) पर आधारित होती है। प्राइस चैनल की निचली सीमा मूल्य कम होने ऊपरी सीमा मूल्य बढ़ने पर आधारित होती है।

प्राइस चैनल की सीमा या तो ऊपर या नीचे की ओर हो सकती है।

LiteFinance: 2. चैनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां

LiteFinance: 2. चैनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां

जब कीमत चैनल सीमा से बाहर निकल जाती है और फिर इस सीमा पर वापस आती है, तो उसी दिशा में और अधिक गति की उम्मीद करते हुए फ़ॉरेक्स ट्रेड शुरू कर सकते हैं।

3. ट्रेंड ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां

फ़ॉरेक्स ट्रेंड से जुडी रणनीतियों में मार्केट की स्थिति निर्धारित करने वाले इंडीकेटर का इस्तेमाल करते हैं।

अगर कई इंडीकेटर ट्रेंड ऊपर जाने की ओर इशारा करते हैं, तो यह खरीदने का संकेत होता है। अगर इंडीकेटर ट्रेंड नीचे की ओर जाने की शुरुआत का इशारा करते हैं, तो यह बेचने का संकेत होता है।

LiteFinance: 3. ट्रेंड ट्रेडिंग से जुडी रणनीतियां

अगर फ़ॉरेक्स में इंडीकेटर स्थिर स्थिति को दिखाते हैं, तो बाजार में प्रवेश करने का कोई संकेत नहीं मिलता।

मध्यम अस्थिरता अस्थिरता वाले स्टॉक की ट्रेडिंग करते समय ट्रेंडिंग से जुडी रणनीतियां अपनाएं।

4. पोजिशनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीति

पोजिशनल ट्रेडिंग से जुडी रणनीति में दीर्घकालिक फ़ॉरेक्स ट्रेड शुरू करना शामिल है। इसलिए, D1 और उससे ऊपर की विस्तृत समय-सीमाओं का इस्तेमाल किया जाता है। पोजिशनल ट्रेडर, तकनीकी और मौलिक विश्लेषण दोनों का इस्तेमाल करते हैं। ट्रेड की अनुमानित संख्या ज्यादा से ज्यादा 10 प्रति वर्ष है। दीर्घकालिक ट्रेंड के आधार पर ट्रेड शुरू किए जाते हैं। स्थिर सीमा के अंदर ट्रेड करने की अनुमति नहीं है।

5. इंट्राडे से जुडी रणनीति

इंट्राडे ट्रेडिंग के तहत, ट्रेडर प्रतिदिन ज्यादा से ज्यदा पांच ट्रेड कर सकते हैं। निश्चित ट्रेडिंग सत्र के दौरान, ट्रेड की शुरुआत आमतौर पर निश्चित समय पर तब होती है, जब चयनित स्टॉक सबसे अधिक तरल और अस्थिर होता है।

ट्रेड में लगने वाला औसत समय 1 से 60 मिनट तक होता है।

कम लाभ होने के कारण, स्प्रेड से परिणाम काफी हद तक प्रभावित होता है।

6. स्केलिंग से जुडी रणनीति

इस रणनीति को अपनाने के लिए, ट्रेडर के पास उचित इक्विपमेंट होने चाहिए। लेन-देन की अवधि कई सेकंड से लेकर कई मिनट तक होती है। स्कैल्पर्स कीमत में कम उतार-चढ़ाव की उम्मीद करते हैं, इसलिए थोड़ी सी देरी (धीमा इंटरनेट कनेक्शन या अपर्याप्त पॉवरफुल कंप्यूटर के कारण) मुनाफे को कम कर सकती है।

स्केलिंग से जुडी रणनीति का इस्तेमाल किसी भी ट्रेडिंग सत्र के दौरान, उच्च और निम्न अस्थिरता, दोनों में किया जा सकता है। मुख्य मापदंड वित्तीय साधन का सीमित प्रसार है।

7. स्विंग ट्रेडिंग

ओपन पोजीशन को अगले दिन तक ले जाना स्विंग ट्रेडिंग की प्राथमिक विशेषता है। ट्रेड का औसत समय एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक होता है।  स्विंग ट्रेडर अधिक सटीक प्रवेश बिंदु और अधिक लाभ पाने के लिए कम समय सीमा का विश्लेषण कर सकते हैं।

इस रणनीति के हिस्से के रूप में, आप लगभग किसी भी स्टॉक का ट्रेड कर सकते हैं, क्योंकि स्प्रेड, टेक प्रॉफिट वैल्यू का सिर्फ़ छोटा प्रतिशत दिखाता है।

8. कैरी ट्रेड

कैरी ट्रेडिंग मूल्य दिशा पर निर्भर करने वाली ट्रेडिंग से जुडी रणनीति है। इसमें अगले दिन ओपन पोजीशन ट्रेड करते हुए स्वैप गणना से लाभ कमाना शामिल है। अलग-अलग देशों में बैंकों की ब्याज दरों में अंतर के आधार पर, कुछ करेंसी पेयर के लिए स्वैप गणना सकारात्मक हो सकता है।

LiteFinance: 8. कैरी ट्रेड

9. मार्जिन ट्रेडिंग

मार्जिन ट्रेडिंग रणनीति एक ट्रेडिंग दृष्टिकोण नहीं है। इसमें ट्रेड को खोलने और बंद करने के लिए विशिष्ट नियमों का इस्तेमाल किया जाता है। यह फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में लीवरेज का इस्तेमाल करने के लिए एक सामान्य शब्द है।

फ़ॉरेक्स में ज्यादातर रणनीतियां सीमांतता का संकेत देती हैं; करेंसी पेयर की कीमत में उतार-चढाव बहुत कम होता है, इसलिए अगर आप सिर्फ़ अपने फंड से ट्रेड करते हैं, तो लाभ कम होगा।

10. अपने-आप होने वाली ट्रेडिंग (ऑटोमेटिक ट्रेडिंग)

ऑटोमेटिक ट्रेडिंग से जुडी रणनीति या एल्गो-ट्रेडिंग में ट्रेडिंग रोबोट, ट्रेडर की भागीदारी के बिना स्वतंत्र रूप से ट्रेड करने वाले विशेष प्रोग्राम का इस्तेमाल शामिल है। इस तरह की ट्रेडिंग में AI का इस्तेमाल नहीं किया जाता, क्योंकि बिल्ट-इन एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल करके ट्रेड को खोलने और बंद करने का निर्णय ले सकते हैं।

स्वचालित रणनीतियां अक्सर फ्लैट ट्रेडिंग पर आधारित होती हैं और कम अस्थिरता के दौरान व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं।

आप फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में कब ट्रेडिंग कर सकते हैं?

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए समय का चुनाव इस आधार पर किया जाना चाहिए कि आप किस करेंसी पेयर की ट्रेडिंग करने की योजना बना रहे हैं। यूरोप, अमेरिका और एशिया में वित्तीय संस्थाएं जब कारोबार के लिए खुली रहती हैं, तो वह समय प्रमुख करेंसी की ट्रेडिंग करने के लिए सबसे अच्छा होता है। टोक्यो और सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंजों की परिचालन अवधि एशियाई करेंसी की ट्रेडिंग के दौरान होने वाली गतिविधि में बढ़ोतरी के अनुरूप है।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग सत्र

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग घंटे चार ट्रेडिंग सत्रों से संबंधित हैं:

  • प्रशांत (22:00 - 06:00 UTC/GMT 00);
  • एशियाई (24:00 - 08:00 UTC/GMT 0);
  • यूरोपीय (08:00 - 16:00 UTC/GMT 0);;
  • अमेरिकी (13:00 - 21:00 UTC/GMT 0)।

टोक्यो सत्र

तीन सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, एशियाई सत्र के संचालन की सुविधा प्रदान करते हैं: HKE हांगकांग, SSE शंघाई और TSE टोक्यो।

इस सत्र के दौरान, JPY, SGD और CNY की सक्रीय ट्रेडिंग होती है, जबकि इन घंटों के दौरान प्रमुख करेंसी पेयर में कम अस्थिरता होती है।

लंदन सत्र

चार सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, यूरोपीय ट्रेडिंग सत्र के संचालन की सुविधा प्रदान करते हैं: LSE लंदन, SIX ज्यूरिख, FWB फ्रैंकफर्ट और JSE जोहान्सबर्ग।

इस कारोबारी सत्र के दौरान, फ़ॉरेक्स में प्रमुख करेंसी पेयर अक्सर एशियाई सत्र की तुलना में उच्च अस्थिरता दिखाते हैं। EUR, GBP और CHF ट्रेडिंग से जुडी गतिविधि बढ़ रही है।

न्यूयॉर्क सत्र

अमेरिकी या न्यूयॉर्क फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग सत्र यूरोपीय सत्र के तुरंत बाद शुरू होता है। नतीजतन, प्रमुख करेंसी पेयर की अस्थिरता उच्च बनी रहती है।

तीन सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज अमेरिकी ट्रेडिंग सत्र के संचालन की सुविधा प्रदान करते हैं: CHX शिकागो, NYSE न्यूयॉर्क और TSX टोरंटो।

अमेरिकी सत्र के दौरान, USD и CAD जैसे करेंसी पेयर की सबसे अधिक ट्रेडिंग सक्रिय रूप से की जाती है।

सिडनी सत्र

दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज प्रशांत सत्र के संचालन की सुविधा प्रदान करते हैं: NZX वेलिंगटन और ASX सिडनी। AUD и NZD जैसे करेंसी पेयर की सबसे अधिक ट्रेडिंग सक्रिय रूप से की जाती है।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सबसे अच्छा समय 

जब तरलता और लाभ की संभावना की बात आती है, तो यूरोपीय और अमेरिकी सत्र के दौरान प्रमुख करेंसी पेयर का फ़ॉरेक्स पर दिन में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

LiteFinance: फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सबसे अच्छा समय 

हालांकि, फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए बढ़ी हुई अस्थिरता की अवधि सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। अगर ट्रेडर स्थिर और/या कम अस्थिरता की अवधि के दौरान ट्रेडिंग करने में कुशल हैं, तो एशियाई या प्रशांत सत्रों और उन करेंसी का चयन करना बेहतर होता है, जिनकी ट्रेडिंग इन अवधि के दौरान सक्रिय रूप से की जाती है।

किसी विशेष करेंसी की लिक्विडिटी वर्तमान सत्र पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, यूरोपीय सत्र के दौरान यूरोपीय करेंसी (EUR, GBP, CHF) की तरलता बढ़ जाती है, क्योंकि इस समय यूरोपीय वित्तीय केंद्र खुले होते हैं और अमेरिकी सत्र के दौरान डॉलर की तरलता (USD, CAD) बढ़ जाती है। एशियाई सत्र के दौरान JPY और SGD सबसे अधिक तरल होते हैं, जबकि प्रशांत सत्र के दौरान NZD और AUD सबसे अधिक तरल होते हैं।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ दिन

सप्ताह के दिन के अनुसार, कीमत में उतार-चढ़ाव का अंतर निम्नतम होता है। बुधवार को सोमवार और मंगलवार की तुलना में अस्थिरता में थोड़ी कमी देखी जाती है। शुक्रवार को, कीमत अक्सर स्थिर रहती है। इसलिए, ट्रेंड ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा दिन सोमवार, मंगलवार और गुरुवार है। जब अस्थिरता कम हो और बाजार स्थिर हो, तो बुधवार और शुक्रवार को ट्रेडिंग करना सबसे अच्छा होता है।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग क्यों करते हैं?

फ़ॉरेक्स अकाउंट खोलने के लिए, सिर्फ़ ब्रोकर के साथ पंजीकरण कराने की आवश्यकता होती है। फ़ॉरेक्स ब्रोकर 0.01 लॉट से न्यूनतम मात्रा की ट्रेडिंग और 1: 1000 तक लीवरेज का इस्तेमाल करने का अवसर प्रदान करते हैं।

इसलिए, आप 50 डॉलर या अधिक की जमा राशि से कुछ स्टॉक की ट्रेडिंग कर सकते हैं। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग 24/5 खुला है, इसलिए ट्रेडर को किसी विशेष एक्सचेंज की परिचालन अवधि का पालन करना आवश्यक नहीं है।

फ़ॉरेक्स बनाम स्टॉक

अगर हम स्टॉक ट्रेडिंग बनाम विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग की तुलना करें, तो तरलता, खाता खोलने में आसानी और ट्रेडिंग अवधि के संबंध में फॉरेन एक्सचेंज मार्केट प्रबल होता है। लोकप्रिय साधनों की संख्या, प्रसार के आकार और ट्रेडिंग की पारदर्शिता के संबंध में स्टॉक मार्केट बेहतर विकल्प होगा।

विदेशी मुद्रा तरलता सभी विश्व एक्सचेंजों की तरलता से अधिक है। फ़ॉरेक्स अकाउंट खोलने के लिए, आपको सिर्फ़ एक ब्रोकर के साथ पंजीकरण करना होगा। स्टॉक ट्रेडिंग एक्सेस करने लिए, आपको सारे ज़रूरी दस्तावेज़ देने होंगे।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग चौबीसों घंटे चलता है। एक्सचेंज के समय तक स्टॉक सीमित होते हैं।

वैश्विक स्टॉक एक्सचेंजों पर हजारों कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग होती है, इस तथ्य के बावजूद कि अस्तित्व में बहुत कम मुद्राएं हैं।

फ़ॉरेक्स मार्किट में कुछ लिक्विड स्टॉक में शून्य प्रसार होना सामान्य बात नहीं है।

फ़ॉरेक्स मार्किट का विकेंद्रीकरण और एक्सचेंजों का केंद्रीकरण ट्रेडिंग को पारदर्शी बनाता है। ट्रेडिंग वॉल्यूम के बारे में सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

फ़ॉरेक्स बनाम फ्यूचर्स

फ़ॉरेक्स और स्टॉक मार्केट के बीच मुख्य अंतर ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट की संरचना पर आधारित है। फ़ॉरेक्स पर करेंसी पेयर की ट्रेडिंग की जाती है, जबकि स्टॉक मार्केट पर स्टॉक और अलग-अलग डेरिवेटिव जैसे फ्यूचर्स, विकल्प, ETF, वगैरह की ट्रेडिंग की जाती है।

स्टॉक मार्केट के अलावा, फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग चौबीसों घंटे खुला रहा है, क्योंकि एक ट्रेडिंग सेशन दूसरे सेशन में बदल जाता है। वहीं, शनिवार और रविवार को दोनों बाजार बंद रहते हैं।

स्टॉक मार्केट, कम लीवरेज (ज्यादा से ज्यादा 1/10) प्रदान करता है, लेकिन स्टॉक, फ्यूचर्स और अन्य प्रतिभूतियों की अस्थिरता करेंसी पेयर की तुलना में अधिक है। इसलिए, यहां ज्यादा लीवरेज की ज़रूरत नहीं है।

LiteFinance: फ़ॉरेक्स बनाम फ्यूचर्स

विदेशी मुद्रा के आलावा , ट्रेडिंग वॉल्यूम की जानकारी सेंट्रलाइज्ड स्टॉक मार्केट पर उपलब्ध है।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग के फायदें

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से मुख्य फायदे:

  • दिन के किसी भी समय ट्रेडिंग उपलब्ध है;
  • फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट खोलने में आसानी;
  • उच्च लिक्विडिटी;
  • लीवरेज फ़ंक्शन;
  • डेमो अकाउंट पर अपनी रणनीतियों को आजमाने का अवसर;
  • कम राशि जमा करके भी ट्रेडिंग संभव है;
  • प्रतिभूतियों की सूची में करेंसी पेयर, इंडेक्स CFD, स्टॉक और कमोडिटीज, क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं;
  • उच्च-अस्थिरता और कम-अस्थिरता अवधि पूरे दिन बारी-बारी से बदलती रहती है। इससे ट्रेडर को अलग-अलग ट्रेडिंग विधि और रणनीतियों को लागू करने की अनुमति मिलती है;
  • फ़ॉरेक्स ब्रोकर की प्रतिभूतियों की विस्तृत श्रृंखला में अलग-अलग परिसंपत्तियों का पूर्वानुमान, आर्थिक कैलेंडर, ट्रेडिंग से जुड़ी सूचना और अन्य ट्रेडर के लेनदेन का विश्लेषण करने की सुविधा शामिल है।

फ़ॉरेक्स मार्किट में, कृत्रिम मांग या आपूर्ति करना संभव नहीं है, क्योंकि ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी ज्यादा है। कुछ ब्रोकर अन्य ट्रेडर के एक्शन को कॉपी करने की सेवा मुहैया कराते हैं। आप अपने लेन-देन को कॉपी करने की सुविधा भी प्रदान करते हैं।

LiteFinance: फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग के फायदें

आसान रिटर्न चार्ट के ज़रिए, यह निवेशकों के पैसे से जमाराशि में बढ़ोतरी करना संभव बनाता है।

फ़ॉरेक्स जोखिम और अवसर

फ़ॉरेक्स जोखिम और अवसर

अवसरजोखिम
लीवरेजनिर्णय लेने पर जुए का प्रभाव
सीमित प्रसार और शार्ट टर्म ट्रेडिंग के अवसरस्लिपेज और रीकोट
जमाराशि को कई गुना बढ़ाने की सुविधाजमाराशि में हानि का जोखिम
शैक्षिक और विश्लेषणात्मक सामग्री तक मुफ्त पहुंचविश्लेषणात्मक पूर्वानुमानों की सटीकता 100% नहीं है

आइए जोखिम प्रभाव का विश्लेषण करें।

  1. अपने सारे फंड से ट्रेड करने का रोमांच कई गुना बढ़ गया। उन्होंने अभी तक इसका अनुभव नहीं किया है, इसलिए ट्रेडिंग की प्रक्रिया के आधार पर नए फ़ॉरेक्स ट्रेडर भावनाओं और सहज ज्ञान के पूर्ण प्रभाव को समझा नहीं सकते। भावनात्मक निर्णय लेने का जोखिम पहले स्थान पर है, और इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। अगर ट्रेडर पैसे कमाने की जल्दबाजी में जोखिम प्रबंधन से जुड़े नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो लीवरेज उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है। दूसरी ओर, लीवरेज उपयोगी है, ताकि इसका इस्तेमाल करके न्यूनतम जमाराशि को कम कर सकें।
  2. स्लिपेज और रीकोट के जोखिम का मतलब है कि ऑर्डर पूर्व निर्धारित मूल्य पर ट्रिगर नहीं किए जा सकते हैं। यह प्रतिभूत की कम और उच्च तरलता की अवधि के प्रत्यावर्तन के कारण है। इस जोखिम से बचने के लिए, आर्थिक कैलेंडर का इस्तेमाल करें और महत्वपूर्ण समाचार की घोषणा से पहले ट्रेडिंग न करें। उच्च तरलता की अवधि के दौरान, फ़ॉरेक्स ट्रेडर, स्कैलपिंग ट्रेड में भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि स्प्रेड का आकार कुछ खातों के लिए उपयुक्त होगा।
  3. जमाराशि हानि का उच्च जोखिम जोखिम प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करने या डेमो अकाउंट से वास्तविक में प्रारंभिक बदलाव से जुड़ा हुआ है। वास्तविक अकाउंट पर ट्रेडिंग करने का सुझाव तब तक नहीं दिया जाता है, जब तक कि आपका डेमो परिणाम लगभग शून्य या थोड़ा सकारात्मक न हो। अन्यथा, आप मानसिक रूप से तैयार नहीं हो सकते, जिससे भावनात्मक निर्णय लेने की संभावना बढ़ जाती है। दूसरी ओर, सक्षम दृष्टिकोण के साथ, ट्रेडर धीरे-धीरे जमाराशि को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
  4. किसी भी प्रकार के विश्लेषण का इस्तेमाल करके भावी कीमतों को सटीक रूप से तय करना संभव नहीं है। असफल भविष्यवाणियों के जोखिम विदेशी मुद्रा मूल्य में उतार-चढ़ाव की प्रकृति से संबंधित हैं। विश्लेषणात्मक पूर्वानुमान वास्तविक डेटा के साथ मिलान की गारंटी नहीं देते हैं। हालांकि, वे ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट से संबंधित वर्तमान व्यापक आर्थिक स्थिति की ख़ास जानकारी मुहैया करा सकते हैं।

LiteFinance: फ़ॉरेक्स जोखिम और अवसर

फ़ॉरेक्स ट्रेडर हमेशा अस्पष्ट परिस्थितियों में काम करते हैं, इसलिए आपको उन जोखिमों को कम करना चाहिए जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में जोखिम शामिल है। सुरक्षात्मक स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग और जोखिम प्रबंधन नियमों का अनुपालन (प्रति ट्रेड जमा का 1% से अधिक नहीं और अन्य) फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग को यथासंभव सुरक्षित बना देगा।

हां। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कई वजह से नए लोगों के लिए ठीक है। पहली बात यह है, कि इसमें पंजीकरण करना और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना आसान है। दूसरी बात यह है, कि आप डेमो खाते पर ट्रेडिंग कर सकते हैं और वास्तविक पैसे जमा नहीं कर सकते। तीसरी बात यह है, कि इसमें कम पैसे जमा करने की आवश्यकता होती है। फ़ॉरेक्स ब्रोकर लोकप्रिय करेंसी पेयर और इंडेक्स CFD, स्टॉक और कमोडिटीज़ के भावों तक पहुंच प्रदान करते हैं।

खरीद या बिक्री ट्रेड में शामिल होकर। फ़ॉरेक्स ट्रेडर भविष्य में किसी परिसंपत्ति के मूल्य में बढ़ोतरी की उम्मीद में उसे खरीदने का प्रयास करते हैं या अगर उसके मूल्य में कमी आने का अनुमान हो, तो उसे बेच देते हैं। अगर पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो ट्रेडर्स लाभ कमाएंगे, अर्थात, परिसंपत्ति की खरीद मूल्य और इसकी बिक्री मूल्य (लॉन्ग ट्रेड के मामले में) के बीच सकारात्मक अंतर होगा।

हां, क्योंकि वित्तीय बाजारों में ट्रेड की गई परिसंपत्तियों की कीमतें बढ़ती और घटती रहती हैं। इसके अलावा, फ़ॉरेक्स ब्रोकर की स्थितियों में सुधार हो रहा है, स्प्रेड कम हो रहा है, प्रतिभूतियों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही, लिक्विडिटी प्रोवाइडर के साथ संचार में विश्वसनीयता बढ़ी है।

अगर आप फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग को भाग्य का खेल मानते हैं, तो हां कहें। ब्रोकर, करेंसी ट्रेडर को लीवरेज प्रदान करते हैं, जिससे ट्रेडर एक ही ट्रेड पर अपनी जमाराशि का 100% जोखिम उठा सकते हैं। ऐसी स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती, भले ही आप सरल जोखिम प्रबंधन नियमों का पालन करें।

लक्ष्य बाजार के सहभागियों पर निर्भर करता है। निजी ट्रेडर के लिए, यह पूर्ण लेनदेन के परिणामों के आधार पर एक स्थिर लाभ है। वाणिज्यिक बैंक का उद्देश्य करेंसी और देश के केंद्रीय बैंक का उद्देश्य विनिमय दर को विनियमित करना हो सकता है।

इसका मतलब है कि जोखिम प्रबंधन और ट्रेडिंग से जुड़ी रणनीति के नियमों के अनुसार फ़ॉरेक्स में ट्रेड शुरू करना। ट्रेडर के पास एक व्यवस्थित दृष्टिकोण होना चाहिए, ताकि उनके फैसले विश्लेषण पर आधारित हों, अनुमान पर नहीं।

फ़ॉरेक्स में ट्रेड शुरू करने की प्रक्रिया ऐसा कौशल है, जिसे नए ट्रेडर काफी जल्दी सीख लेते हैं। हालांकि, अपनी लाभदायक ट्रेडिंग से जुड़ी रणनीति बनाने में वर्षों लग सकते हैं।

बिलकुल नहीं। आप डेमो अकाउंट का इस्तेमाल करके फ़ॉरेक्स में ट्रेड कर सकते हैं। वास्तविक खाते पर न्यूनतम जमा राशि की आवश्यकताएं ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट के गुणों (1 पिप का मूल्य, मार्जिन आवश्यकताएं, लीवरेज) और नियोजित ट्रेड की मात्रा पर निर्भर करती हैं।

हां। ट्रेनिंग के लिए, आपको मूल्य चार्ट का अध्ययन करने और वित्तीय बाजारों में ऑर्डर खोलने के बारे में मूल जानकारी हासिल करने की ज़रूरत होगी। बाकी सब कुछ अभ्यास करने से आता है।

हां, कीमत में कभी भी उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करते समय, सकारात्मक और नकारात्मक दोनों परिणाम की संभावना होती है।


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फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है: जानें कि फ़ॉरेक्स मार्केट कैसे काम करता है

इस लेख की सामग्री लेखक की राय को दर्शाती है और जरूरी नहीं कि यह LiteFinance की आधिकारिक स्थिति को दर्शाती हो। इस पृष्ठ पर प्रकाशित सामग्री केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान की जाती है और इसे निर्देश 2004/39/ईसी के उद्देश्यों के लिए निवेश सलाह के प्रावधान के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

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